
पटना, 27 नवंबर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राज्य में सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। 1 अने मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में आयोजित बैठक में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग और निगरानी विभाग के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सरकारी योजनाओं और कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए तेजी से क्रियान्वयन किया जाए।
बैठक में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग एवं निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभागीय कार्यों की अद्यतन जानकारी प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने इस समीक्षा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए निगरानी विभाग को और अधिक संवेदनशील और सशक्त भूमिका निभानी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर कार्य कर रही है और इसके लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आम जनता को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ जल्दी और पारदर्शी तरीके से मिलना चाहिए।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग एवं निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, सचिव डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, विशेष सचिव निलेश रामचंद्र देवरे और अरविंद कुमार वर्मा उपस्थित रहे।
आने वाली प्रक्रिया
- निगरानी विभाग की कार्रवाई और तेज होगी
- भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित जांच और दंडात्मक कार्रवाई
- सरकारी योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता होगी मजबूत
- आम नागरिकों को योजनाओं का सीधा लाभ देने पर जोर
यह बैठक बिहार में पारदर्शिता और जवाबदेही वाले प्रशासन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जिससे स्पष्ट संदेश गया है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगी।




