
Patna News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को मुख्य सचिवालय के विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण कर प्रशासनिक तंत्र को चुस्त-दुरुस्त रखने का निर्देश दिया। सुबह से शुरू हुए इस निरीक्षण में उन्होंने मुख्य सचिव कोषांग, मंत्रिमंडल कक्ष, वित्त मंत्री का कार्यालय, अतिथि कक्ष समेत पूरे परिसर की कार्यप्रणाली, साफ-सफाई और अनुशासन का बारीकी से जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने न केवल व्यवस्थाओं की जानकारी ली, बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि समयपालन और अनुशासन किसी भी प्रशासनिक इकाई की मजबूती की नींव होती है। उन्होंने साफ शब्दों में निर्देश दिया कि सभी अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुँचे और संवेदनशीलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि काम में लापरवाही या देरी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। “कार्य ससमय पूर्ण हों, यही हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए अनुशासित माहौल और बेहतर कार्य संस्कृति आवश्यक है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सचिवालय परिसर की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण पर जोर देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूरे क्षेत्र की सफाई नियमित रूप से सुनिश्चित की जाए। परिसर को सुसज्जित, आकर्षक और हरा-भरा बनाने के लिए आवश्यकतानुसार पौधारोपण कराने पर भी जोर दिया गया। उन्होंने उद्यान क्षेत्र की देखभाल को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने आगंतुकों की सुविधाओं पर भी संतोषजनक व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सचिवालय आने वाले आगंतुकों के लिए बेहतर बैठने, मार्गदर्शन और सुविधा प्रबंधन की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मुख्य सचिवालय को और अधिक सुव्यवस्थित, आधुनिक और प्रभावी बनाने की दिशा में योजनाबद्ध कार्य किया जाए।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ प्रमुख वरीय अधिकारी भी मौजूद रहे। इनमें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, विकास आयुक्त डॉ. एस. सिद्धार्थ, सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंद्र, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, कुमार रवि, डॉ. चन्द्रशेखर सिंह तथा विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
मुख्यमंत्री का यह निरीक्षण संदेश देता है कि सरकार प्रशासनिक तंत्र को और अधिक पारदर्शी, अनुशासित और जनहित केंद्रित बनाने के प्रति गंभीर है। यह कदम निश्चित रूप से सरकारी कार्य संस्कृति में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।




