
Patna News: बिहार में युवाओं के लिए रोजगार और सरकारी नौकरी के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि सात निश्चय-2 के तहत 2020-25 के बीच 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार प्रदान किया गया है। अब अगले पांच वर्षों (2025-30) में यह संख्या 1 करोड़ युवाओं तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
नई सरकार के गठन के बाद राज्य में सरकारी नौकरी की रिक्तियों को भरने और रोजगार अवसर बढ़ाने की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। सभी प्रशासी विभाग, प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत कार्यालय और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे 31 दिसंबर 2025 तक सामान्य प्रशासन विभाग को रिक्तियों से संबंधित अधियाचनाएं उपलब्ध कराएं। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग इन अधियाचनों की जांच कर संबंधित नियुक्ति आयोगों को भेजेगा।
सभी नियुक्ति आयोगों और चयन एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि जनवरी 2026 में पूरे वर्ष का भर्ती कैलेंडर प्रकाशित किया जाए। इसमें विज्ञापन प्रकाशन की तिथि, परीक्षा आयोजन की संभावित अवधि, अंतिम परीक्षाफल की तारीख और अन्य आवश्यक सूचनाओं का स्पष्ट उल्लेख होगा। किसी भी भर्ती प्रक्रिया में विज्ञापन प्रकाशन से अंतिम परीक्षाफल तक एक वर्ष से अधिक समय नहीं लगेगा।
राज्य सरकार ने परीक्षाओं की पारदर्शिता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी और उन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से दंडित किया जाएगा। इसके साथ ही, ऑनलाइन परीक्षा (CBT) के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, ताकि परीक्षा समय पर और सुचारू रूप से आयोजित हो सके।
सरकार का कहना है कि बिहार के युवा दक्ष, आत्मनिर्भर और सुरक्षित भविष्य वाले हों, इसके लिए राज्य पूरी तरह प्रतिबद्ध है। रोजगार के बढ़ते अवसर और सरकारी नौकरी में पारदर्शिता सुनिश्चित करके युवाओं के लिए भविष्य उज्जवल बनाने की दिशा में सरकार कृतसंकल्पित है।




