
Bihar News: गोवा में आयोजित 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के तीसरे दिन बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम (कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार) का पवेलियन फिल्मकारों, निवेशकों, प्रोड्यूसरों और कलाकारों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। बिहार में फिल्म शूटिंग और निवेश की संभावनाओं को लेकर उद्योग जगत में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। पवेलियन का विधिवत उद्घाटन कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव सह निगम के प्रबंध निदेशक प्रणव कुमार (IAS) और महाप्रबंधक रूबी (IAS) सहित बॉलीवुड अभिनेता मनोज जोशी, अभिनेता दर्शन कुमार, अभिनेत्री नीतू चंद्रा, अभिनेता विकास कुमार, निर्देशक राव देवेन्द्र सिंह, IMPPA अध्यक्ष अभय सिन्हा और निर्माता सागर श्रीवास्तव की उपस्थिति में हुआ।
बिहार फिल्म नीति से बढ़ा आकर्षण, ‘वन विंडो सिस्टम’ बना सहारा
प्रबंध निदेशक प्रणव कुमार ने बताया कि राज्य में शूट होने वाली फिल्मों को अनुदान, वन विंडो सिस्टम, और सरकारी सहयोग जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने कहा—
“बिहार कला, संस्कृति और रचनात्मक उद्योगों के लिए अपार संभावनाओं वाला राज्य है। यह मंच बिहार की सकारात्मक छवि को वैश्विक स्तर पर मजबूती देता है।”
मनोज जोशी बोले– ‘बिहार ही भारत की जड़ है’
उद्घाटन के बाद अभिनेता मनोज जोशी ने बिहार की तारीफ करते हुए कहा—
“भारत का विस्तार बिहार से हुआ। यह फिल्मकारों के लिए स्वर्ग जैसा है। मैं बिहार में फिल्म उद्योग विकास के लिए प्रतिबद्ध हूँ।”
दर्शन कुमार ने बताया ‘जन्नत जैसा अनुभव’
अभिनेता दर्शन कुमार ने बाल्मीकि नगर में अपने 40 दिनों के शूट अनुभव को याद करते हुए कहा—
“यहाँ के लोग प्यार से देशी अंडे व गाय का दूध तक देते थे। अगली फिल्मों की शूटिंग भी बिहार में ही करूंगा।”
स्थानीय भाषाओं में फिल्मों को बढ़ावा: नीतू चंद्रा
अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने कहा—
“भोजपुरी, मैथिली, मगही फिल्मों को दर्शकों का प्यार मिलना जरूरी है। तभी बिहार का फिल्म उद्योग मजबूत होगा।”
निवेश की बढ़ती संभावनाएँ
- ओटीटी प्लेटफॉर्म स्टेज ने बिहार की फिल्मों की रिलीज़ पर सहयोग की दिशा में बात बढ़ाई।
- बंगाली निर्देशक परमिता मुंशी ने जनवरी 2026 में बिहार में वेब सीरीज शूट की सहमति दी।
- फिल्म संपादक असीम सिन्हा ने कहा— “बिहार में पोस्ट-प्रोडक्शन के नए अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं।”
बिहार—फिल्मों की नई कर्मभूमि!
बिहार, अपनी संस्कृति, लोकेशन, सरकारी सहयोग और अनुदान नीति के साथ अब फिल्म निर्माण का उभरता हुआ हब बनता दिखाई दे रहा है। IFFI-2025 में मिला यह सम्मान स्पष्ट कर रहा है—
आने वाले समय में बिहार में ‘शूटिंग ही शूटिंग’ होगी!





